जीवन जीने की है ये लड़ाई

 मृत्यु क्या तुम जीत पाई

जीवन जीने की है ये लड़ाई
ठिठुरते ठंड में मात्र दो वस्त्रो में
भूख से बिलखते बच्चों की भूख मिटाने
मृत्यु क्या तुम जीत पाई
जीवन जीने की है ये लड़ाई!

आते जाते किसी ने देखी न भूख
किसी ने देखा यौवन, किसी ने दी गाली
 पर क्या दिए किसी ने दो निवाले भी
मृत्यु क्या तुम जीत पाई
जीवन जीने की है ये लड़ाई!

इतने में पीछे से एक आवाज आई
क्या काम करोगी कोई माई
मिलेंगे वस्त्र भोजन कुछ रुपया भी
परंतु करोना ने है हा हाकार मचाई
घर में निषेध प्रवेश याद दिलाई
मृत्यु क्या तुम जीत पाई
जीवन जीने की है ये लड़ाई!!

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